जब इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) ने 17 अक्टूबर 2025 को आधिकारिक कीमतें जारी कीं, तो बाजार में धूम मच गया। इस दिन सोना 24 कैरेट (999 शुद्ध) के हिसाब से 1,30,874 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया, जबकि 22 कैरेट (916 शुद्ध) का दाम 1,19,881 रुपये पर था। यही नहीं, चांदी (999 शुद्ध) की कीमत भी 3,192 रुपये बढ़ कर 1,71,275 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई। इस उछाल का कारण धनतेरस की तीव्र खरीदी थी, और विशेषज्ञों ने निवेशकों को अब ये बाज़ार थोड़ी अनिश्चित हो सकता है, इसलिए सतर्क रहने का परामर्श दिया।
धनतेरस 2025 का ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
धनतेरस, जो दिवाली से दो दिन पहले मनाया जाता है, भारतीय संस्कृति में सोना‑चांदी की खरीद को शुभ माना जाता है। धनतेरस 2025 को भी ये परंपरा पूरी तरह से जीवित रही, क्योंकि देश भर की बक्षणी दुकानों में भीड़भाड़ देखी गई। पिछले सालों की तुलना में इस वर्ष खरीदारी की लहर तेज़ थी—मुख्य कारण था पैंशन‑फ्रीज़, रिटायरमेंट‑प्लान में परिवर्तन, और अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में सोने की कीमतों का निरंतर बढ़ना।
दामों में तात्कालिक परिवर्तन
IBJA की आधिकारिक सूची के अनुसार, 16 अक्टूबर को शाम को 22 कैरेट का दाम 1,16,763 रुपये था, जबकि अगले दिन सुबह 1,19,881 रुपये तक बढ़ गया। 24 कैरेट की कीमत 127,471 रुपये से 130,874 रुपये तक, 23 कैरेट 126,961 रुपये से 130,350 रुपये, 18 कैरेट 95,603 रुपये से 98,156 रुपये, और 14 कैरेट 74,571 रुपये से 76,561 रुपये हो गई।
ऐसे ही, चांदी का रेट 168,083 रुपये से 171,275 रुपये प्रति किलोग्राम हुआ। दामों में ये वृद्धि न केवल महंगाई के संकेतक के रूप में देखी गई, बल्कि निवेशकों के लिए सोने‑चांदी को सुरक्षित आश्रय मानने के एक नए दौर की शुरुआत भी हो सकती है।
बाज़ार विशेषज्ञों की राय
बाज़ार के मान्यतम विशेषज्ञ विजय गुप्ता, मार्केट एनालिस्ट at मॉनीटर इन्वेस्टमेंट्स ने कहा, “धनतेरस की तीव्र माँग अक्सर अल्पकालिक उछाल दे देती है, पर अगले दो‑तीन हफ्तों में कीमतें स्थिर या घट सकती हैं। इसलिए अल्पकालिक ट्रेडर्स को निरोध करना चाहिए, जबकि दीर्घकालिक निवेशकों को सोने को पोर्टफोलियो के एक हिस्से के रूप में रखें।”
इसी बीच, तनिष्क ज्वेलर्स ने बताया कि 22 कैरेट सोने की कीमत 12,210 रुपये प्रति ग्राम तक पहुँच गई, और इसी कारण उनका बिक्री वॉल्यूम पिछले माह से 30 % अधिक रहा। कल्याण ज्वेलर्स ने भी समान प्रवृत्तियों की रिपोर्ट दी, जिसमें 14 कैरेट से 22 कैरेट तक के सोने की बिक्री में तेज़ी देखी गई।

निवेशकों के लिए सतर्क रहने की सलाह
- धनतेरस के बाद दो‑तीन हफ़्तों में उपभोक्ता माँग घटेगी; इसलिए अल्पकालिक सपोर्ट बेचने पर विचार करें।
- सोने के दामों पर वैश्विक कारक—जैसे यूएस डॉलर की ताक़त, तेल की कीमतें—का प्रभाव लगातार रहता है; इनको मॉनीटर करना आवश्यक है।
- यदि आप पहली बार सोना खरीद रहे हैं, तो 22 कैरेट या 24 कैरेट पर विचार करें, क्योंकि इनकी लिक्विडिटी अधिक है।
- सही खरीद‑बिक्री समय के लिए बैंक‑फाइनेंस्ड गोल्ड इन्फ़्लेशन‑रिलेटेड सिक्योरिटीज़ (GIFT) का उपयोग कर सकते हैं।
भविष्य की संभावनाएँ और संभावित जोखिम
अगले महीने में, भारत के रिज़र्व बैंक ने संभावित मौद्रिक नीति बदलाव की बातें की थीं, जिससे सोने की कीमतों में नई अस्थिरता आ सकती है। अगर सरकारी अधिसूचना के तहत GST में अतिरिक्त 2 % शुल्क लागू हो गया, तो रिटेल यूज़र के लिये अंत में कीमतें 2‑3 % तक बढ़ सकती हैं।
वहीं, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, यदि यूएस फेडरल रिज़र्व की ब्याज दरें स्थिर रहती हैं, तो सोने का आकर्षण बढ़ता रहेगा, क्योंकि निवेशक कम रिटर्न वाले फ़िक्स्ड इनकम रिस्क से बचते हुए सोने को बुनियादी सुरक्षा मानते हैं।

संक्षिप्त बिंदु
- धनतेरस 2025 में 24 कैरेट सोना 1,30,874 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंचा।
- 22 कैरेट सोना 1,19,881 रुपये और चांदी 1,71,275 रुपये प्रति किलोग्राम।
- मुख्य रिटेल ब्रांड्स—तनिष्क, कल्याण—में बिक्री में 30 % तक की बढ़ोतरी।
- विशेषज्ञों ने अल्पकालिक कीमतों में उतार‑चढ़ाव की चेतावनी दी।
- भविष्य में GST, RBI नीति और वैश्विक डॉलर की चाल कीमतों को प्रभावित कर सकती है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
धनतेरस के बाद सोने के दाम क्यों गिर सकते हैं?
धनतेरस पर तीव्र रिटेल खरीदारी होती है, जिससे कीमतें अस्थायी रूप से ऊपर जाती हैं। दो‑तीन हफ़्तों में जब उपभोक्ता माँग घटती है, तो सप्लाई‑डिमांड बैलेंस बदल जाता है और कीमतें घटने लगती हैं। इसके अलावा, कर्ज़े‑के‑फायदा‑दर में बदलाव या डॉलर के मजबूत होने से भी सोना सस्ता हो सकता है।
क्या चांदी में निवेश करना अभी फायदेमंद है?
चांदी की कीमतें सोने की तुलना में अधिक अस्थिर होती हैं, परन्तु दीर्घकालिक रिटर्न अच्छा देने की संभावना रहती है। वर्तमान में चांदी 1,71,275 रुपये प्रति किलोग्राम पर है, जो पिछले महीने से 1‑2 % बढ़ी है। निवेशकों को छोटे‑मध्यम अवधि में जोखिम‑प्रबंधन टूल्स, जैसे ETFs या फ्यूचर्स, के साथ पोर्टफोलियो में जोड़ना चाहिए।
धनतेरस पर किस शुद्धता वाला सोना खरीदना चाहिए?
यदि आप रिटेल खरीदारी कर रहे हैं, तो 22 कैरेट (916 शुद्ध) या 24 कैरेट (999 शुद्ध) दोनों ही विश्वसनीय विकल्प हैं। 22 कैरेट का दाम थोड़ा कम होता है और कई लोगों के पास इसे रखने की सुविधा रहती है, जबकि 24 कैरेट को अधिक स्थिर मानते हैं और इसे भविष्य में बेचने पर बेहतर रिटर्न मिल सकता है।
IBJA के दामों में GST क्यों नहीं शामिल है?
इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) द्वारा प्रकाशित कीमतें सभी टैक्स‑फ्री (GST‑पूर्व) और मेकिंग चार्ज‑पूर्व होती हैं, ताकि विभिन्न रिटेलर्स — जिनकी टैक्स रेटिंग अलग‑अलग हो सकती है—को एक समान बेस‑लाइन मिल सके। वास्तविक खरीदी के समय GST %13 (प्रायः) जोड़ा जाता है।
भविष्य में सोने के दाम कौन-से कारकों से प्रभावित हो सकते हैं?
मुख्य कारक हैं—अमेरिकी डॉलर की वैल्यू, वैश्विक तेल की कीमतें, भारत की मौद्रिक नीति, और भारतीय रिज़र्व बैंक के ब्याज दर निर्णय। साथ ही, अंतरराष्ट्रीय भू‑राजनीतिक तनाव (जैसे मध्य‑पूर्व में संघर्ष) भी सोने को "सुरक्षित आश्रय" बनाने की प्रवृत्ति को बढ़ा सकता है।